Saturday, May 8, 2010

ख़ुशी

खुश रहना कितना मुश्किल है हर कदम पे कोई न कोई दुःख पड़ा मिलता है, और हम उस दुःख को ख़ुशी ख़ुशी उठा लेते है और दुखी हो जाते है | कितना अजीब है, की खुश होने के लिए दुखी होना जरुरी है, पर दुसरो को खुश देखकर दुखी होना मेरी समझ के परे है अरे भाई कोई सुखी है या नहीं ये तुमने कई मील दूर से बैठे बैठे कैसे तय कर लिया | कई बार मुस्कराहट दुःख को अपने आप में इतना समेट लेती है की जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती | मुस्कराहट से कई दिलों के दर्द मिट जाते है, मुस्कराहट से शिकवे गिले मिट जाते है, मुस्कराहट से नफरत मिट जाती है, और न जाने क्या क्या कमाल करती है ये मुस्कराहट | बड़ी खतरनाक चीज़ है ये मुस्कराहट, मेरी मानिए तो बच के रहिये इससे, कहीं आप भी मुस्कुरा न पड़े | अरे बताना जरुरी है, आपकी मुस्कराहट से दूसरा खुश हो सकता है और ये तो आपसे या हम सब से बर्दाश्त नहीं होता अरे दूसरा खुश हो गया तो आपके तो बदन में बिजली कौंध जायेगी |

पर मैंने तो तय किया है, की मैं तो मुस्कुराऊंगा, दुखी हूँ तो मुस्कुराऊंगा, सुखी हूँ तो मुस्कुराऊंगा, जिनको मैंने कभी किसी भी वजह से दुखी किया हो, जाने अनजाने उनका तो मैं क्षमा प्रार्थी हूँ, लेकिन मैं उनसे भी क्षमा चाहता हूँ जिनको देख के मैं दुखी हुआ करता था | पिछले कई दिनों से मैं उन लोगों को याद कर रहा हूँ जिनको देख के मैं बहुत दुखी होता था, अपनी किस्मत को रोता था | मुझे नहीं मालूम कि उनको क्या दुःख है, क्यूंकि वोः तो सुखी तभी होंगे जब उन्हें दुःख का अनुभव होगा बिना दुःख के सुख तो निरर्थक है |

दूसरों के सुख को देखकर दुखी होना गलत है, असल में हम दुखी अपने कर्मो से होते है, नाम दूसरों का लगाते  है | किस्मत उनका साथ देती है जो कर्म करता है, मेहनत करता है, बिना कर्म किये न तो सुख मिलता है न दुःख | दुःख इसलिए नहीं होता कि उसपे रोया जाए, दुःख या मुश्किलें इसलिए होती है कि उनसे सीखा जाए जो अपने दुखों से और मुश्किलों से सीख गया वोः सुखी हो गया | मेरे इस लेख को समझना मुश्किल नहीं है, परन्तु आसान भी नहीं है, मैंने जो लिखा उसपे कई विचार प्रस्तुत किये जा सकते है, कई और लेख लिखे जा सकते है और सबसे बड़ी बात है कि या तो मुझे उल्लू कहा जा सकता है या विद्वान | परन्तु मैं दोनों नहीं हूँ, मैं प्रेम में हूँ, जी मैं किसी से प्यार करता हूँ, और इतना प्यार करता हूँ कि उसे कभी नहीं बताऊंगा कि मैं उससे प्यार करता हूँ | इसके ऊपर कभी और लिखूंगा परन्तु इसी प्यार कि वजह से इतना सुख मिला है और इतना दुःख कि समझ नहीं आ रहा |
आगे क्या लिखूं, बस इतना ही कहूँगा, कि खुश रहिये और खुश रखिये, अपने आप को अपने जीवन को और अपने अंतर्मन को | मुस्कुराते रहिये !!

No comments:

Post a Comment